Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शनिवार 6 नवंबर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को सभी कायस्थ परिवार अपने वंशज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा विधिवत संपन्न किए, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं के लेखापाल भगवान श्री चित्रगुप्त मनुष्यों के पापों का लेखा-जोखा करते हैं, लेखन के कार्य से भगवान चित्रगुप्त के जुड़ाव होने के कारण इस तिथि को कलम दवात और वही खाते की पूजा की जाती है।
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कायस्थ परिवारों के मुताबिक भगवान चित्रगुप्त कायस्थ परिवारों के वंशज हैं, इससे जुड़ी जानकारी देते हुए कायस्थ परिवारों को द्वारा बताया गया कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र श्री चित्रगुप्त जी महाराज दो विवाह किए थे, जिनसे उन्हें 12 पुत्र प्राप्त हुए। उन 12 पुत्र के ही वंशज इस धरती पर कायस्थ जाति के नाम जाने जाते हैं।
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भगवान चित्रगुप्त लेखकों को अक्षर प्रदान करते हैं, कायस्थ जाति लेखन के कार्य से ही जाने जाते हैं, उनकी पहचान लेखन के कार्य से ही है, प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को हिंदू पंचांग के अनुसार विधिवत भगवान चित्रगुप्त एवं कायस्थ परिवारों की कुलदेवी महर्षमर्दिनी देवी की पूजा करते हैं।
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वही इस तिथि को यम द्वितीया भैया दूज के नाम से भी लोग जानते हैं इस दिन बहने गोधन कूट के अपने भाइयों को खिलाती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती है, चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में कायस्थ परिवारों के द्वारा विधिवत तरीके से भगवान चित्रगुप्त की पूजा संपन्न कि गई इस मौके पर सौरभ कुमार, सुमित सिन्हा, विकी कुमार, मुकेश कुमार, अजीत श्रीवास्तव संजय प्रधान, विजय श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, सहित समस्त कायस्थ परिवार इस पूजा में सम्मिलित हुए।