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उसके बाद वो दो बार लगातार चुनाव भाजपा से हारते रहे। यहां तक कि रामगढ़ विधानसभा से भी वे हार गए थे। लेकिन इस सीट को राजद के सुधाकर सिंह ने शानदार रुप से जीत दर्ज कर भाजपा के गढ़ में लालटेन की लौ को बरकरार रखा है। इसी के साथ समाजवादी धरती को गुलजार कर दिया। मतगणना के प्रारंभिक रुझानों में ही भाजपा के मिथलेश तिवारी से कड़ा संघर्ष होता रहा। दोनों के बीच जीत हार का अंतर काफी करीब का था। 12 राउंड के मतगणना के दौरान काफी उलट फेर होता रहा। लेकिन सुधाकर सिंह अपने जीत के प्रति आश्वस्त रहे और लगातार वे लोगों को सांत्वना देते रहे।
इधर क्षेत्र के लोग भी बक्सर से पल पल की खबरें लेते रहे। उम्मीद के अनुरूप परिणाम से लोग इतरा भी रहे थे। जिस तरह की जीत सुधाकर सिंह ने दर्ज की है। वैसी जीत उनके पिता राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी नहीं की थी। तब राजद के स्टार प्रचारक की भी कमी थी। बावजूद टेक्निकल जीत के सहारे संसद का वे सफर तय किये थे। लेकिन सुधाकर ने शानदार जीत दर्ज कर भाजपा के गढ़ बक्सर में इतिहास रच दिया है। वे इस जीत को बक्सर की जनता को समर्पित किए। बातचीत के क्रम में सुधाकर सिंह ने इस जीत का श्रेय बक्सर क्षेत्र की समस्त जनता को दिया। तथा कहा कि समाजिक न्याय में यह जीत मिल का पत्थर साबित होगी।