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मैसेज पढ़ने की कुछ ही देर बाद संतोष कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अज्ञात मोबाइल नंबर से उनके मोबाइल पर काल किया। खुद को पटना सीआरपीएफ का कमांडेंट बताते हुए फोन पर बातचीत की। कथित सीआरपीएफ कमांडेंट ने जम्मू कश्मीर में स्थानांतरण होने के बाद इलेक्ट्रानिक सामान व फर्नीचर बेचने की बात कही। साथ ही अपने प्रबंधन से सभी सामान को भिजवा देने की बात भी कही। इलेक्ट्रानिक सामान व फर्नीचर भेजने के लिए 20 हजार रुपये की मांग संजय से की गई। जिसके बाद मुन्नी देवी के फोनपे पर 20 हजार रुपये सीआरपीएफ कमांडेंट के कहने पर भेज दिया गया। इसके बाद संजय की ओर से भागलपुर के जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी से दूरभाष पर बातचीत की गई। इसमें उन्होंने उस व्यक्ति को अनजान बताया।
जिसके बाद पीड़ित की ओर से साइबर क्राइम कंट्रोल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर साइबर ठगी का शिकार होने की जानकारी देते हुए लिखित शिकायत देकर साइबर थाने में प्राथमिकी कराई गई है। शिकायत के आधार पर प्राथमिकी कर लेने के बाद साइबर थाने की पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है। साइबर अपराधियों ने गोपालगंज के जिलाधिकारी मो. मकसूद आलम के व्हाट्सएप अकाउंट को बीते 17 जून को हैक कर लिया था। इस मामले में गोपनीय शाखा गोपालगंज में कार्यरत मुकेश कुमार वर्मा ने साइबर थाना गोपालगंज में प्राथमिकी कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अज्ञात साइबर अपराधियों की ओर से डीएम के सरकारी नंबर पर चल रहे व्हाट्सएप को हैक कर लिया गया था। इससे संदेश प्राप्त करने तथा भेजने में कठिनाई हो रही थी। इसकी प्राथमिकी साइबर थाना में कराई गई थी।