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दरअसल हिजाब पर बवाल की शुरुआत कर्नाटका में 22 जनवरी से हुई है जब उद्दपी के प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में 7 लड़कियों को क्लास में जाने से रोक दिया गया था क्योंकि उन लोगों ने हिजाब पहना था, जिसके बाद उन लड़कियों ने कर्नाटका हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसका मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।
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इस मामले में बिहार के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि स्कूल और कॉलेज में यूनिफार्म का मतलब होता है एक समान सभी के कपड़े इसमें धर्म, जाति, अमीर, गरीब को खत्म करने के लिए यूनिफॉर्म होती है, इसको देखते हुए स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहना बिल्कुल गलत है इसके साथ ही भगवा गमछा पहनना भी उचित नहीं है।
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उन्होंने कहा कि यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है अगर ऐसा नहीं है तो उसी कॉलेज में सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं उससे पहले तो ऐसे कभी नहीं हुआ, यह बात सच है कि भारत में सभी धर्म, जाति के पास आजादी है लेकिन पब्लिक ऑर्डर धर्म के ऊपर होता है उसको मारना जरूरी है, नहीं तो हमारे यहां ऐसे संप्रदाय है जो कहेंगे कि हमारे पूर्वज नरमुंड लेकर चलते थे तो हम भी लेकर चलेंगे, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यह बोलेंगे कि हमारे पूर्वज ऐसे वस्त्र धारण करते थे जो सामूहिक जगह पर नहीं पहना जा सकता इन सब चीजों से बचने के लिए यूनिफार्म का इस्तेमाल ही सबसे अच्छा है।