Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

- डीआईयू के टीम ने छापेमारी कर दो कुख्यात अपराधियों को किया गिरफ्तार
- सिपाही भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कर रहा एक परीक्षार्थी समेत 3 गिरफ्तार
दरअसल हिजाब पर बवाल की शुरुआत कर्नाटका में 22 जनवरी से हुई है जब उद्दपी के प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में 7 लड़कियों को क्लास में जाने से रोक दिया गया था क्योंकि उन लोगों ने हिजाब पहना था, जिसके बाद उन लड़कियों ने कर्नाटका हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसका मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।
- कैमूर: चुनाव ड्यूटी के दौरान ट्रैजेडी: कर्नाटक पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की हार्ट अटैक से मौत
- रामगढ़ में राजद प्रत्याशी का बगावत भरा बयान—“अजित सिंह हारे तो तेजस्वी भी नहीं बनेंगे सीएम”, कार्यकर्ताओं में उबाल
इस मामले में बिहार के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि स्कूल और कॉलेज में यूनिफार्म का मतलब होता है एक समान सभी के कपड़े इसमें धर्म, जाति, अमीर, गरीब को खत्म करने के लिए यूनिफॉर्म होती है, इसको देखते हुए स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहना बिल्कुल गलत है इसके साथ ही भगवा गमछा पहनना भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है अगर ऐसा नहीं है तो उसी कॉलेज में सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं उससे पहले तो ऐसे कभी नहीं हुआ, यह बात सच है कि भारत में सभी धर्म, जाति के पास आजादी है लेकिन पब्लिक ऑर्डर धर्म के ऊपर होता है उसको मारना जरूरी है, नहीं तो हमारे यहां ऐसे संप्रदाय है जो कहेंगे कि हमारे पूर्वज नरमुंड लेकर चलते थे तो हम भी लेकर चलेंगे, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यह बोलेंगे कि हमारे पूर्वज ऐसे वस्त्र धारण करते थे जो सामूहिक जगह पर नहीं पहना जा सकता इन सब चीजों से बचने के लिए यूनिफार्म का इस्तेमाल ही सबसे अच्छा है।
- दो दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी रहे युवक को पुलिस ने हथियार के साथ किया गिरफ्तार
- चुनावी सभा में नीतीश कुमार का दावा- “जदयू ने किया पूरे बिहार का विकास, पिछली सरकार ने केवल परिवार का विकास किया”

