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बीएड कॉलेजों की फ़ीस एक बार फिर होगी तय, राज्य सरकार ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई

Bihar: राज्यों के गैर सरकारी सहायता प्राप्त और सेल्फ फाइनेंसिंग बीएड कॉलेजों की फीस का निर्धारण एक बार फिर होगा इसे लेकर राज्य सरकार ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है और इसे लेकर निदेशालय के उपसचिव शाहजहां ने अधिसूचना भी जारी की है, शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के इस अधिसूचना के आधार पर कमेटी का गठन किया है इसमें कहा गया है कि राज्य में जो गैर सरकारी प्राप्त सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स है उनकी फीस का निर्धारण होना है।

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पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

कमेटी में एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक शिव प्रकाश झा, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स पटना के निदेशक डॉ. शंकर कुमार भौमिक और द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स पटना चैप्टर के चेयरमैन हृषिकेश कुमार को शामिल किया गया है, सत्र 2015-17 के बाद इन कॉलेजों की कुल फीस डेढ़ लाख रुपए तय की गई थी लेकिन अभी कुछ कॉलेज इससे अधिक फीस ले रहे हैं।

2015 तक गया सरकारी सहायता प्राप्त बीएड कॉलेजों की फीस 95 हजार थी जबकि सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स फीस 35 हजार तक थी, बीएड कॉलेज में 2 साल के सत्र के लिए डेढ़ लाख रुपए हाईकोर्ट के आदेश और राज्यपाल के निर्देश पर तय हुआ था लेकिन कुछ कॉलेज से अधिक फीस छात्रों से रहे है, फीस निर्धारण पर निजी बीएड काॅलेज संघ ने कहा है कि हाईकाेर्ट ने 1.37 लाख फीस तय की थी तब संघ के वकील ने दलील दी थी कि इससे काॅलेज के रखरखाव के काम में पैसाें की कमी हाे सकती है तब काेर्ट ने कुल फीस डेढ़ लाख रुपए की थी।

निजी बीएड काॅलेज संघ के अध्यक्ष डाॅ. अमर कुमार साह ने कहा कि शायद सरकार के संबंधित विभाग काे पता नहीं है कि फीस पहले से तय है, 1.37 लाख रुपए पढ़ाई व परीक्षा शुल्क और लगभग 13 हजार रुपए विकास शुल्क के रूप में तय किया गया है, निजी बीएड काॅलेजाें काे गैर सरकारी सहायता प्राप्त काॅलेज कहना भी सही नहीं है फिर भी सरकार शुल्क तय करना चाहती है अगर शुल्क डेढ़ लाख से कम हुआ ताे हमलाेग फिर काेर्ट जाएंगे।

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