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इस प्लांट में प्रतिदिन 150 लीटर डीजल या 130 लीटर पेट्रोल हर रोज तैयार किया जाएगा, इसके लिए 200 किलो कचरे की खपत होगी, पेट्रोल डीजल बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले कचड़े को ब्युटेन में बदला जाता है, इसके बाद ब्युटेन को आइसो ऑक्टेन में बदला जाता है फिर मशीन से अलग-अलग दबाव और तापमान से आइसो ऑक्टेन को डीजल या पेट्रोल में बदल दिया जाता है, यहां 400 डिग्री सेल्सियस तापमान पर डीजल और 800 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पेट्रोल बनाया जा सकेगा।
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कचरे से पेट्रोल बनाने की प्रक्रिया पर सफल रिसर्च देहरादून के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम की ओर से किया जा चुका है, इस रिसर्च में यह बात सामने आई है की डीजल और पेट्रोल में अधिक ऑक्टेन वैल्यू होने से इसका माइलेज अधिक पाया जाता है, वही कचरा से डीजल या पेट्रोल निकालने की पुरी प्रक्रिया में लगभग 8 घंटे का समय लगता है, इस प्लांट को कचरा उपलब्ध करने के लिए नगर निगम 6 प्रति किलो पर कचरा उपलब्ध कराएगा।
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वही इस प्लांट के उद्घाटन के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने यहां से 10 लीटर डीजल खरीदा, इस दौरान उन्होंने कहा की इस तरह के प्रयोग को सपोर्ट करने की जरूरत है, अगर यह बड़े स्तर पर कामयाब होता है, तो लोगों को कम कीमत पर पेट्रोल डीजल उपलब्ध हो सकेगा, वही मुजफ्फरपुर में तेल बनाने वाले इस प्लांट की चर्चा हर जगह हो रही है।
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