Home बिहार बिहार में निकाय चुनाव को लेकर बीच का रास्ता निकालने पर चल...

बिहार में निकाय चुनाव को लेकर बीच का रास्ता निकालने पर चल रहा मंथन

बिहार में निकाय चुनाव

Bihar: बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं एक तरफ जहां आरक्षण का मसला है वहीं दूसरी तरफ दिसंबर तक चुनाव कराना है आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं जबकि चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन को जारी करने की तैयारी में जुटा है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

चुनाव की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाए ऐसे में बीच का रास्ता निकालने पर मंथन चल रहा है, वर्ष 2017 में पहले चरण का निकाय चुनाव 21 मई जबकि दूसरे चरण का चुनाव 4 जून को कराया गया था, पहले चरण की मतगणना 21 मई और दूसरे चरण की मतगणना 6 जून को कराई गई थी तय वक्त 29 जून से पहले प्रक्रिया पूरी हो गई थी और अब चुनाव को लेकर निर्धारित समय में विलंब हो रहा है, ऐसे में 29 दिसंबर 2022 तक हर हाल में नगर निकाय का चुनाव संपन्न करा लेना है। ‌

पटना हाई कोर्ट ने आरक्षण के मामले को लेकर सुनवाई के दौरान आयोग से कहा है कि चुनाव समय पर से कराना है साथ ही आरक्षण के मुद्दे में जो कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला होगा उसका पूरी तरह से पालन भी करना है कोई एक्सपोर्ट्स की मानें तो अगर चुनाव समय से नहीं कराया जाता है तो सरकार के लिए मुसीबत होगी, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरक्षण के मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से न्यायालय को अवगत कराया गया था कि बिहार में निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनदेखी की जा रही है इसी आधार पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था जिसके बाद चुनाव को स्थगित कर दिया गया और अब फिर से चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है।

दरअसल बिहार में निकाय चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था चुनाव की डेट भी निश्चित हो गई थी मतदान की तारीख फाइनल होते ही प्रत्यासी चुनाव मैदान में सक्रिय हो गए सभी प्रचार प्रसार में लग गए, लेकिन हाईकोर्ट के एक फैसले ने प्रत्याशियों की सक्रियता को शांत कर दिया, आरक्षण का मुद्दा लेकर कुछ प्रत्याशी सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए और मामला हाईकोर्ट में आ गया, जिसके बाद हाईकोर्ट में एक साथ कई लोगों ने याचिका लगाई और आरक्षण के मामले को आधार बनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर चुनाव कराने की मांग की जिसके बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया और चुनाव को स्थगित करते हुए आरक्षण के मामले को लेकर निर्देश दिया गया।

Exit mobile version