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एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को इस मामले की पूरी स्थिति स्पष्ट कर दिया डेड लाइन खत्म होने के बाद पुलिस ऐसे लोगों को बख्शने वाली नहीं है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ऐसे सारे अकाउंट्स को बंद कराने की कार्रवाई की जाएगी, दरअसल सोशल मीडिया नेटवर्क के अलग-अलग प्लेटफार्म पर कोई लोगों ने बिहार पुलिस और उसके लोगों का इस्तेमाल कर अकाउंट बना लिया जिस कारण पब्लिक में भ्रम की स्थिति बन गई है।
बिहार पुलिस का अपना वेरीफाइड अकाउंट है और अधिकृत भी है, दरअसल किसी ने बिहार पुलिस अभ्यर्थी संघ तो किसी ने बिहार पुलिस कैंडिडेट संघ, बिहार पुलिस एग्जामिनेशन, बिहार पुलिस फिजिकल सहित कई तरह के अलग अलग नाम से अकाउंट बना रखा है इसी तरह के नामों से व्हाट्सएप पर कई ग्रुप भी बनाए गए हैं जिसमें बिहार सरकार या बिहार पुलिस का फोटो का इस्तेमाल किया गया है पुलिस ने सभी अकाउंट से पहचान कर ली है इसलिए अकाउंट संचालकों को सीधे तौर पर 1 जनवरी तक का टाइम दिया गया है।
एडीजी ने कहा कि जल्द ही राज्य के पब्लिक की मदद के लिए एक नया ग्रुप बनाया जाएगा इसके डिटेल्स शेयर किए जाएंगे दरअसल आईपीएस राजविंदर सिंह भट्टी के डीजीपी बनने के बाद पुलिस और पब्लिक के बीच कनेक्शन को हर तरफ से मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दी गई है, इसके लिए सोशल मीडिया नेटवर्क का भी सहारा लिया जा रहा है इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय पब्लिक के साथ कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए एक नए मैकेनिज्म को तैयार करने में जुटा है।