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पीड़िता ने न सिर्फ सिस्टम की पोल खोल दी, बल्कि परत दर परत खुलासे के बीच पीड़िता ने बालिका गृह में चल रहे कुपोषण के खेल का भी खुलासा किया, पिड़िता ने बताया कि पोषण के बजट का एक चौथाई हिस्सा भी लड़कियों को थाली नहीं आता, खाने को कुछ भी नहीं दिया जाता जिससे पेट भरा जा सके दहशत इतनी रहती है कि कोई मुंह भी नहीं खोल सकता।
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पूछताछ में जैसे ही पीड़िता ने खाने पर बात करनी शुरू की, अफसरों और काउंसलरों का मुंह बंद हो गया, दरअसल महिला विकास मंच की जांच में यह बात सामने आई है कि लड़कियों को पेट भर खाना नहीं दिया जा रहा है, आलू खिलाकर उनका पेट भरा जा रहा है, महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी का कहना है कि भोजन सही से नहीं मिले कारण सेहत काफी खराब हो जाती है शारीरिक विकास नहीं हो पाता पीड़िता दिल्ली में रहती थी तो काफी स्वस्थ थी लेकिन बिहार में युवक के जाल में फंसने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई, बालिका गृह में आने के बाद से वह कुपोषण के शिकार हो गई, पुरानी फोटो को देखकर अब के हालात पर कोई यकीन नहीं कर सकता।
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महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी का कहना है कि समाज कल्याण विभाग में भी पीड़िता ने खाने के सवाल पर खुलकर बोला है, यह भी बताया कि किस तरह पेट भरने के लिए आलू दिया जाता था, पीडिता के साथ बहुत अत्याचार हुआ है, न्याय दिलाने के लिए वह हर स्तर से लड़ाई लड़ रही है, लड़ाई आसान नहीं है, न्याय के लिए बड़ी चुनौती है, फिर भी वह हार नहीं मानेगी और पीड़िता को विकास मंच न्याय दिला कर ही रहेगा।