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वही जाँच के दौरान दो डेयरी के पास रजिस्ट्रेशन पेपर नहीं होने पर फैक्ट्री सील कर दी गई। वहीं अनामिका मिष्ठान भंडार का रजिस्ट्रेशन पेपर होने पर सील की कार्रवाई नहीं की गई, किन्तु मिठाई का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया। वहीं दोनों डेयरी फैक्ट्री सील करने के बाद वहां से पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए खाद्य इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि दोनों डेयरी फैक्ट्री से पनीर में फैट पूरी तरह से निकाल लिया जाता था और अरारोट मिलाकर दूध को गाढ़ा कर दिया जाता था। इसके बाद पनीर को लंबे समय तक प्रिजर्व रखने के लिए खतरनाक कैमिकल मिलाया जाता था। सिंथेटिक पनीर से बनी मिठाई खाने से फूड पॉइजनिंग और लिवर डैमेज होने का खतरा भी बना रहता है।