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फर्जी प्रमाण पत्र पर 16 साल से नौकरी कर रही शिक्षिका के खिलाफ जांच टीम ने दर्ज कराई प्राथमिकी

Bihar: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शिवहर जिले में 16 साल से फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें पता चला कि शिक्षिका का मैट्रिक का प्रमाण पत्र फर्जी है शिक्षिका उस परीक्षा में अनुपस्थित थी लेकिन जालसाजी कर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र बनवा लिया इतना ही नहीं इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वह 16 साल से शिक्षिका के पद पर नौकरी भी करती रही। ‌

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निगरानी की टीम पंचायत शिक्षिका का मैट्रिक प्रमाण पत्र जाली पाए जाने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक सहायक जांच अधिकारी राजेश कुमार ने हिरम्मा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें बताया गया है कि तरियानी प्रखंड के दुम्मा निवासी रामवरण भगत की पुत्री प्राथमिक विद्यालय बंकुल में पंचायत शिक्षिका के पद पर तैनात धर्मशिला और एक अज्ञात को आरोपित किया गया है।

प्राथमिकी के अनुसार धर्मशिला का नियोजन वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षिका के पद पर हुआ था वह वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय में तैनात है पटना हाईकोर्ट के निर्देश के आधार पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र की निगरानी जांच चल रही है जिसमें उक्त शिक्षिका द्वारा एमेनिस्ट पीरियड में त्यागपत्र नहीं दिया गया जबकि हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में शिवहर जिले के प्रतिनियुक्त निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के जांच अधिकारी अवर निरीक्षक राजेश कुमार तरियानी द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर के आधार पर शिक्षिका के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की जिसमें बिहार विद्यालय समिति ने मैट्रिक प्रमाण पत्र को जाली करार दिया।

‌शिक्षिका के प्रमाण पत्र में बिहार विद्यालय समिति से वर्ष 1990 में प्रथम श्रेणी से मैट्रिक के परीक्षा में उत्तीर्णता का उल्लेख है अंक पत्र के अनुसार शिक्षिका ने रोल कोड 5214 और रोल नंबर 833 के तहत 645 अंक प्राप्त किए हैं जबकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रतिवेदन के अनुसार धर्मशिला 1990 के मैट्रिक परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी, बोर्ड ने धर्मशीला के अंकपत्र को जाली करार दिया जिसके बाद जांच टीम ने शिक्षिका और एक अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसके आलोक में अनुसंधान शुरू हो चुका है।

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