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हर नेता और अधिकारी को यह पता है कि बिहार के स्कूलो में शिक्षा का स्तर बहुत खराब है, इसके बावजूद इसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जाता क्योंकि नेता चाहते है कि बिहार के बच्चे अनपढ़ ही रहे एवं उनके माता-पिता खिचड़ी और अनाज के लालच में उन्हीं नेता को वोट देते रहें।
आगे उनके द्वारा यह ऐलान किया गया कि जन सुराज यह सुनाश्चित करेगा कि बिहार के शिक्षा पर खर्च हो रहे एक-एक रुपए का इस्तमाल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में लगाया जाए। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि 15 साल तक के बच्चों का प्राइवेट स्कूल में भी पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी और ऐसा प्रयास पूरे देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं किया गया है।