Homeदुर्गावतीपूर्व ग्राम सेवक पर एफआईआर दर्ज, फर्जी चापाकल, स्ट्रीट लाइट और सड़क...

पूर्व ग्राम सेवक पर एफआईआर दर्ज, फर्जी चापाकल, स्ट्रीट लाइट और सड़क बनवाने के नाम पर राशि की हुई निकासी

Bihar: कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के चेहरिया पंचायत के पूर्व पंचायत सचिव बनारसी राम के खिलाफ प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन दिया गया है, जिसमें पंचायत के विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा का मामला दर्शाया गया है, और यह दिखाया गया है कि सिर्फ कागजों में काम करा कर राशि की निकासी की गई है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

दुर्गावती प्रखंड
दुर्गावती प्रखंड

दिए गए आवेदन में 14वां वित्त आयोग के योजना संख्या 2/19-20 में चेहरियाँ बाजार से नदी तक तक फर्जी सड़क निर्माण एवं योजना संख्या 4/19-20 में पंचायत में एलइडी स्ट्रीट लाइट की धांधली, योजना संख्या 2/19-20 में रोहुआ कला गांव में अतुल कुमार यादव एवं घुरहू धोबी के घर के पास चापाकल शामिल है, जबकि पांचवें वित्त आयोग से योजना संख्या 3/19-20 ग्राम बहेरा में राहुल दुबे के घर से दुर्गावती ककरैत मेन रोड तक टुकड़ी भरने का कार्य में त्रुटि पाई गई है।

जिसके निराकरण के लिए तत्कालीन पंचायत सचिव बनारसी राम को मौखिक एवं स्पष्टीकरण के बावजूद भी अभिरुचि नहीं ली गई, अधिकारी के आदेश अवहेलना की गई, जिसकी सूचना कार्यालय के पत्रांक 2322 (A) दिनांक 29/ 11/2021 से जिला पंचायत राज पदाधिकारी कैमूर को दी गई है। इस विषय में जिलाधिकारी कैमूर को भी पत्रांक 3281 दिनांक 29/11/2021 से दी गई है।बनारसी राम के विरुद्ध सरकारी राशि के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए प्रपत्र (क) में आरोपपत्र गठित कर प्रतिवेदन कि मांग की है।

दरअसल यह पूरा मामला पिछले विधानसभा सत्र में रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह के द्वारा उठाया गया था, प्रश्न संख्या 2678 जिला आपूर्ति पदाधिकारी कैमूर एवं कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग एवं प्रमंडल मोहनिया के संयुक्त जांच प्रतिवेदन ज्ञापांक संख्या 241 दिनांक 17/3/21 से प्राप्त हुआ, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच पड़ताल करते हुए तत्कालीन पंचायत सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया था। जिसके बाद बीडीओ के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है।

मगर यहां सवाल यह उठता है कि सिर्फ पंचायत सचिव पर ही क्यों एफआईआर दर्ज कराई गई है, जबकि पंचायत सचिव और मुखिया के संयुक्त हस्ताक्षर से ही खाते से राशि की निकाशी की जाती है, तब मुखिया के विरुद्ध विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है, मुखिया के विरुद्ध क्यों नहीं एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है, यह एक बड़ा सवाल है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments