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हालांकि इसकी जांच के लिए डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी से संपर्क साधा जा रहा है। एफएसएल की विशेष टीम पदार्थ की जांच करेगी ।तभी यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर यह असली है या फिर फेक। फिलहाल तस्करी, हैंडलिंग और बैकवर्ड फॉरवर्ड लिंकेज को भी खंगाली जा रही है। वही गिरफ्तार तस्करो से पूछताछ की जा रही है एसपी ने बताया कि कई महीनों से तस्कर इस पदार्थ को बेचने की कोशिश में था। पुलिस ने गुप्त सूचना पर कारवाई की। रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और अग्रतर जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम को बुलाया गया है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर के पास बरामद सर्टिफिकेट के बारे में IIT मद्रास के प्रोफेसर एस मोहन से बात की गई तो उन्होंने इस सर्टिफिकेट को फेक बताया है। साथ ही कंपनी से सम्पर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है।