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मनीष के पिता डा. मंगलेश मिश्र पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के झालदा में कार्यरत हैं। पिता को भी 22 अप्रैल को वैष्णोदेवी जाना था। पत्नी आशा देवी के साथ वे ट्रेन से वैष्णोदेवी जा रहे थे इसी दौरान रास्ते में आतंकी हमला में मारे जाने की सूचना मिली। डा. सुरेंद्र ने बताया कि मनीष तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। मनीष के मंझला भाई राहुल रंजन एफसीआइ एवं विनीत रंजन पश्चिम बंगाल में मद्य निषेध भाग में कार्यरत हैं। मां-पिता के साथ छोटे भाई विनीत रंजन रांची में मनीष रंजन के शव आने का इंतजार कर रहे हैं।
आपको बता दे की मनीष की पहली पोस्टिंग दिल्ली में हुई थी उसके बाद रांची एवं वर्तमान में हैदराबाद में पोस्टिंग थी। सभी परिवार खुशी से रह रहे थे कि आतंकवादियों ने पर्यटन टूर पर गए मनीष की हत्या कर दहशत फैला दिया। मनीष की हत्या के बाद से औरंगाबाद में रह रहे उनके रिश्तेदार डा. सुरेंद्र मिश्र एवं ब्लड बैंक के कर्मी आशुतोष कुमार के स्वजन का रो रोकर बुरा हाल है। दोनों समझ नहीं पा रहे हैं कि यह सब कैसे हो गया। कुछ ही दिन पहले आशुतोष को मनीष ने फोन कर हैदराबाद घूमने का आमंत्रण दिया था। बताया था कि हैदराबाद घूमने की जगह है।