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निजी अस्पताल ने अस्पताल परिसर में रोका नेत्रदान, सड़क पर की गई नेत्रदान प्रक्रिया

Bihar: बिहार के पटना राजेंद्र नगर स्थित एक निजी अस्पताल अशोका हॉस्पिटल ने गुरुवार को मानवता को शर्मसार कर दिया, परिजनों के बार-बार आग्रह के बावजूद परिसर में 5 मिनट की नेत्रदान प्रक्रिया नहीं संपन्न होने दी, साथ ही जिस स्ट्रेचर पर शव रखा गया था उस स्ट्रेचर तक को खाली करवा दिया गया, नेत्रदान को लेकर आमजन को जागरूक और प्रेरित करने के लिए देश प्रदेश में अभियान चलाया जा रहे हैं, वहीं कुछ लोग मानवता को शर्मसार कर रहे हैं।

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प्रक्रिया पूरी करते हुए
प्रक्रिया पूरी करते हुए

दरसअल राजेंद्र नगर स्थित अशोका हॉस्पिटल ने गुरुवार को महज 5 मिनट नेत्रदान की प्रक्रिया नहीं होने दी स्ट्रेचर तक खाली करवा दिया, इसके बाद आईजीआईएमएस की मेडिकल टीम जिस एंबुलेंस में आई थी उसी में सड़क पर कार्निया निकाले गए, इससे अंगदान की मुहिम चला रही दधिचि देहदान समिति और स्वजन में आक्रोश हैं, मामले की शिकायत पीएमओ से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत तक से की गई है, वहीं सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने कहा कि अभी यह मामला संज्ञान में नहीं आया है, अस्पताल प्रबंधक से बात कर रही हैं कि उन्होंने नेत्रदान क्यों नहीं करने दिया।

दधिचि देहदान समिति के समन्वयक विवेक माथुर ने बताया कि पटना सिटी निवासी 74 वर्षीय हरजीत कौर की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी दोनों आंखों को दान कर दिया जाए, बुधवार की रात मां की मृत्यु के बाद उनके दोनों पुत्र गुरमीत सिंह और रंजीत सिंह बॉबी ने इसकी सूचना दी थी, जिसके बाद आईजीआईएमएस आई बैंक को इसकी सूचना दी गई, वहां से डॉ मोनिका के नेतृत्व में टीम पहुंची गई, इसकी सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधक सामने आ गया उनका कहना था कि किसी कीमत पर अस्पताल परिसर में नेत्रदान नहीं होने देंगे।

दधीचि देहदान समिति के संरक्षक सुशील मोदी है और स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे से जुड़े हैं बताने पर भी कोई असर नहीं हुआ, डॉक्टर मोनिका के आग्रह पर भी उन्होंने सही व्यवहार नहीं किया, यहां तक कि अस्पताल प्रबंधक ने स्ट्रेचर भी खाली करवा दिया, जिसके बाद एंबुलेंस में पार्थिव शरीर को रखकर कॉर्निया निकाला गया, साथ ही अस्पताल के सामने टेबल लगाकर डॉ मोनिका ने औपचारिकता पूरी की और स्वजनों को नेत्रदान के लिए सम्मानित किया।

आईजीआईएमएस क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के चीफ डॉ विभूति सिन्हा ने बताया कि कॉर्निया दान खुले के बजाय किसी बंद कमरे या ओटी जैसे जगह पर करने का प्रावधान है, खुले में करने से संक्रमण की आशंका होती है और कॉर्निया बिल्कुल अनुपयोगी साबित हो सकती है, हालांकि हरजोत कौर की दोनों कॉर्निया बिल्कुल ठीक है।

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