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छात्रों ने बताया की शव की बरामदगी के बाद शरीर पर कई ऐसे जख्म देखा गया था। जिससे यह कहा जा सकता है की तेजाब को शरीर पर डाला गया है पर पुलिस तेजाब के मामले से इंकार कर रही है। छात्रों ने पुलिस से सवाल किया कि अगर आत्महत्या करनी होती तो घर में कर लेती। घर के बाहर कुआं में कूदकर जान दे देती। घर से 40 किमी दूर जाकर आत्महत्या करने का कोई सवाल ही नहीं है। कहा कि छात्रा का अपहरण कर ले जाया गया है और उसके बाद उसकी हत्या की गई है। हत्या के पहले उसके साथ अमानवीय व्यवहार की गई है पर पुलिस जांच की दिशा ही बदल दी है। पुलिस की जांच से न छात्रा को न्याय मिलेगा न उसके स्वजनों को और न घटना में शामिल हत्यारों को सजा मिल पाएगी।
सड़क जाम की सूचना पर नगर थाना से इंस्पेक्टर एमके उपाध्याय पुलिसबल के साथ पहुंचे और सड़क जाम किए छात्रों को हटाने की बात कही, वीडियो बनाने लगे तो सभी आक्रोशित हो गए। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद सीओ और जिला कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष संतोष सिंह पहुंचे। अध्यक्ष ने छात्रों को समझाकर शांत कराया। कहा कि छात्रा के स्वजनों ने जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी किए हैं सभी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। इसके बाद भी पुलिस का अनुसंधान जारी है। अध्यक्ष के समझाने के बाद छात्र शांत हुए और जाम हटाया। करीब डेढ़ घंटे जीटी रोड जाम से दोनों तरफ करीब तीन किमी में वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। सड़क जाम के दौरान एंबुलेंस को नहीं रोका गया था।