Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
जानकारी के अनुसार 14 नवंबर को यूनियन बैंक की विराजपुर शाखा के दीवार पर एमसीसी के नाम से एक पोस्टर चिपकाए गया था उसमें बैंक बंद रखने एवं लोन भुगतान के 30-30 हजार रुपये लेने की बात कही गई थी, उसमें पैसे वापस करने का भी जिक्र था इसे नक्सली करवाई समझकर बैंक कर्मियों द्वारा डर से बैंक बंद कर दिया गया था, कुछ दिन बाद पुलिस को चालू कराया गया लेकिन कुछ सप्ताह शरारती तत्वों ने एमसीसी के नाम से दोबारा पोस्टरबाजी की और बैंक खुलने पर बैंक कर्मियों को जान से मारने की धमकी दी जिसके बाद इस मामले को पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन ने गंभीरता से लेते हुए एसआईटी टीम का गठन किया।
जांच में टीम ने मोबाइल नंबर की जांच की और कैलाश यादव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया, कैलाश इस बैंक में बिचोलिये का कार्यकर्ता था वह ठेकेदार का भी कार्य करता था हाल के दिनों में उसका चचेरा भाई मनोज भी बैंक बिचोलिये के रूप में सक्रिय हो गया था इससे उसकी आय घाट गयी जिसे देखकर मनोज को कमजोर करने की मंशा से कैलाश ने इस घटना को अंजाम दिया।