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वहीं जब पत्रकारों के द्वारा एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा की हमें कभी भगवान श्रीराम या श्रीकृष्ण के नाम से चिढ़ नहीं थी। अगर ऐसा कोई कहता है तो गलत कहता है। यह उसकी मूर्खता है। भगवान श्रीराम के चरित्र को जिन्होंने सामने लाकर नीति व सिद्धांत की बात कही थी, तो वैसे में हमने कहा था कि यह नीति और सिद्धांत भूत, भविष्य और वर्तमान के लिए है। भगवान श्रीराम पुरुषोत्तम है। हम भी उन्हें प्रणाम करते हैं। इतना ही नहीं अगर किसी की आस्था मिट्टी में है तो उसको भी प्रणाम करते हैं। सबकी अपनी आस्था होती है, जो लोग भगवान श्रीराम को मानते हैं हम उन्हें भी प्रणाम करते हैं। भगवान श्रीराम पुरुषोत्तम थे और उन्हें हर कोई मानता है। भगवान श्रीराम को पूजने वालों को हम चरण स्पर्श करते हैं।