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यदि आप अपने बारे में नहीं सोच रहे हैं, तो कम से कम अपने बच्चों के बारे में सोचिए यदि आप धर्म के नाम पर, विचारधारा के नाम, 5 किलो अनाज के नाम पर वोट करेंगे तो जिस गरीबी और बदहाली में आपका जीवन बीता है, आपके बच्चों का भविष्य भी उसी गरीब और बदहाली में गुजरेगा, आज बिहार में कोई जाति के नाम पर बंधुआ मजदूर बन गया है कोई धर्म का नाम पर बन गया है, आप सोचिए कि आपके बच्चों की चिंता कौन करेगा, आपके बच्चों की चिंता कोई नहीं करेगा आप देख सकते हैं कि पिछले 50 सालों से आपके और आपके बच्चों की क्या स्थिति बनी हुई है।