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छपरा नगर निगम के बोर्ड की बैठक में हुआ जमकर बवाल, मेयर से हाथापाई

Bihar: सारण जिले से खबर सामने आ रहा है, जंहा छपरा नगर निगम की बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ। जंहा पार्षदों के द्वारा कुर्सी, मेज चलाई गई और शोरगुल व तोड़फोड़ कर मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता के साथ हाथापाई भी की गई। इस दौरान छपरा के विधायक डा.सीएन गुप्ता एवं नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडे किसी तरह से सभागार से बाहर निकल सके। मामले के सम्बन्ध में वार्ड पार्षदों के द्वारा बताया गया कि नगर निगम के बोर्ड की साधारण बैठक महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता की अध्यक्षता में शुरू हुई। जिसमें विगत 20 सितंबर 24 को हुई बोर्ड के बैठक एवं 19 नवंबर 24 को सम्पन्न सशक्त के बैठक की संपुष्टि के बाद वित्तीय मामले की महापौर द्वारा खुद समीक्षा करने की बात कही गई जिसके बाद पार्षदों एवं महापौर के बीच विवाद शुरू हो गया। 

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NS Newsवार्ड पार्षद श्वेता पांडेय ने बिहार नगर पालिका अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि वित्तीय मामले की समीक्षा करने का अधिकार महापौर को नहीं है। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। मेयर समर्थक पार्षद एवं विपक्षी पार्षद आपस में भीड़ गये। फिर पार्षद एक दूसरे पर कुर्सी फेंकने लगे मेंज भी पलट दिया‌। महिला पार्षद जान बचाकर भागने लगी। महिला पार्षदों के पति एवं परिजन भी सभागार में घुस गये। इस दौरान कुछ पार्षद मेयर के साथ तू-तू मैं-मैं करने के दौरान पार्षदों ने मेयर के साथ धक्का -मुक्की एवं हाथापाई भी की। इसका वीडियो भी प्रसारित हो गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने बताया कि शहर में चल रहे निर्माण में गुणवत्ता की मानिटरिंग की मुद्दा जब उठाया गया तो कुछ वार्ड पार्षद जो खुद ठेकेदारी करते हैं। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण बोर्ड की बैठक नहीं हो सकी। छपरा नगर निगम के बोर्ड की बैठक में महिला पार्षदों के पति एवं परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। उनके द्वारा भी बैठक में हंगामा किया गया।

जबकि बोर्ड की बैठक में पार्षद के अलावा किसी भी व्यक्ति को बैठने की अनुमति नहीं है। बावजूद पार्षदों के परिजन बैठक में मौजूद रहते हैं। इस संबंध में अभी तक मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वारा थाने में कोई आवेदन नहीं दिया गया है। छपरा नगर निगम की बोर्ड की बैठक सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट पुलिस पार्टी की तैनाती की गई थी। लेकिन बोर्ड की बैठक में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी उपस्थित नहीं थे। इस संबंध में पूछे जाने पर छपरा नगर निगम के नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडे ने बताया कि बैठक में सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनाती की गई थी। बैठक में उपस्थित नहीं थे, उनके द्वारा इसकी रिपोर्ट छपरा सदर अनुमंडल पदाधिकारी लक्ष्मण तिवारी को दे दी गई है।

बोर्ड की बैठक में इन विन्दुओं पर होनी थी चर्चा
*विगत 20 सितंबर 24 को हुई बोर्ड के बैठक एवं 19 नवंबर 24 को सम्पन्न सशक्त के बैठक की संपुष्टि।
*नगर निगम क्षेत्र में जाम की समस्या को देखते हुए यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
*सरकारी बाजार में बन रहे मल्टी शॉपिंग काम्प्लेक्स एवं नगर निगम में बन रहे सभागार पार्षदों के लिए बन रहे सिटिंग एरिया, महापौर कार्यालय, उपमहापौर कार्यालय तथा प्रशासनिक भवन का डीपीआर की प्रस्तुति ।
*शिल्पी पोखरा के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण का डीपीआर की प्रस्तुति।
* नगर के वर्तमान यातायात की व्यवस्था को देखते हुए साढ़ा ओवर ब्रिज से एक रास्ता मौना साढ़ा रोड तरफ निकालने हेतु PWD पीडब्लूडी/बीआरपीएनएनएल को प्रस्ताव।
*40 मानव बल के साथ एक टास्क फोर्स पटना नगर निगम के तर्ज पर छपरा नगर निगम में अतिक्रमण हटाने एवं छापामारी इत्यादि कार्यों के लिए।
*श्याम चौक से बिशनपुर तक रेलवे लाइन से सटे दक्षिणी तरफ शहर के जल निकासी हेतु बड़े नाले निर्माण का डीपीआर बनाने की स्वीकृति।
*नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख सरोवर राजेंद्र सरोवर, शाह बनवारी लाल एवं रौजा सरोवर का अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए सौंदर्यकरण सहित डीपीआर बनाने की स्वीकृति।
*सेटेलाइट टाउनशिप का कंपलीट कॉन्सेप्ट एवं प्रेजेंटेशन।
*तेल रिवर की डीपीआर।
* पूर्वी भगार पर स्थित नगर निगम की जमीन पर रेंटल आवास बनाने के योजना हेतु डीपीआरा
*बुडको द्वारा चल रहे कार्य जिसमें नमामि गंगे परियोजना, अमृत योजना एवं स्ट्राम ड्रेन के कार्यों की समीक्षा एवं स्पष्टीकरण।

 

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