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आपको बता दें कि, मो. अली अशरफ फातमी राजद में रहते हुए दरभंगा से चार बार लोकसभा में चुनाव जीत दर्ज कर चुके हैं और मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री भी बने। लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार कीर्ति आजाद से हार का सामना करना पड़ा वही 2019 में राजस्व लोकसभा सांसद का टिकट कटने के बाद वह जेडीयू में शामिल हो गए। जिसके बाद से जेडीयू में लगातार सक्रिय रहे। उन्हें उम्मीद था कि पार्टी इसबार लोकसभा चुनाव में दरभंगा से बनायेगी इसके लिए उनकी ओर से तैयारी भी की जा रही थी लेकिन बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग की घोषणा के बाद उनके उम्मीदों पर पानी फिर गया। लिहाजा उन्हें पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। हालांकि उन्होंने नैतिक मूल्यों की रक्षा करने का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ने की बात कही है। निश्चित तौर पर फातमी का जाना एनडीए गठबंधन के लिए बड़ा झटका है। खासकर जदयू के लिए।