Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
यज्ञ के शुभारंभ के लिए श्रद्धालुओं के द्वारा वाराणसी से गंगाजल लाया गया था, उक्त जल के साथ हरसू ब्रह्म धाम के मुख्य गेट के पास से कलश यात्रा का शुभारंभ मंगलवार की दोपहर हुई जिसमें काफी संख्या में महिला एवं पुरुष सम्मिलित होकर महायज्ञ के हिस्सेदार बने।
- पंजाब की फैक्ट्री में 24 करोड़ के गबन मामले का मुंगेर से कनेक्शन
- कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों से लोकतंत्र व संविधान को खतरा, केदार प्रसाद गुप्ता
हरसू ब्रह्म धाम के बुजुर्ग पुरोहितों के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 1971 में बाबा हरसू ब्रह्म धाम के दर्शन को आए अलबेला महाराज के द्वारा हरसू ब्रह्म धाम परिसर में रामचरित्र मानस पाठ और यज्ञ का शुभारंभ किया गया था, जो लगातार चला आ रहा है।
शुरुआती दौर में इस यज्ञ का शुभारंभ अलबेला महाराज के द्वारा किया गया था जिसके बाद से खपड़िया बाबा, खड़ेसरी बाबा, महामंडलेश्वर स्वामी, आदित्यनाथ जी महाराज जैसे संतो के द्वारा इस यज्ञ का नेतृत्व किया जाता रहा है, और हर वर्ष भक्ति भाव पूर्ण तरीके से यज्ञ को संपन्न किया जाता है।
- युवक ने भाभी के साथ दुष्कर्म का किया प्रयास तो पिता ने कर दी पुत्र की हत्या
- पुलिस ने जमुई के खिजरा जंगल से हिरण का सींग एवं मास्केट किया बरामद
हरसू ब्रह्म धाम मंदिर परिसर में नौ दिवसीय प्रारंभ हुए महायज्ञ में वाराणसी सहित अन्य राज्यों से विद्वान ब्राह्मणों को बुलाकर प्रवचन करवाया जाता है, 9 दिवसीय इस महायज्ञ को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी आस्था है, भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है जहां नौ दिवसीय महायज्ञ के उपरांत भंडारे का आयोजन होता है लोगों के द्वारा प्रसाद ग्रहण किया जाता है, इस मौके पर आचार्य ब्रह्मा प्रकाश द्विवेदी, बद्रीनाथ शुक्ल, भानु माली रमेश देव त्रिपाठी, वकील हलवाई, नगेंद्र पटवा सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।