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अरवा उसना का नहीं सुलझा मामला पैक्स में नहीं हो रही धान की खरीद

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में अरवा और उसना के बीच में सभी पैक्सो पर धान की खरीदारी फंसी हुई है, किसानों के धान खलिहान में पड़े हुए हैं, किसान और पैक्स के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न है।

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मिली जानकारी के मुताबिक सहकारिता विभाग से सभी पैक्स को यह आदेश प्राप्त है कि 100% उसना चावल जमा करना है, धान खरीद का कार्य 15 नवंबर से ही प्रारंभ है, शुरुआती दौर में तो पैक्सो के द्वारा धान खरीद प्रारंभ कर दिया गया, मगर जैसे ही अरवा उसना का मामला फंसा पैक्स के द्वारा धान खरीद पर रोक लगा दी गई, हालांकि अभी प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में पूर्ण रूप से धान की कटनी नहीं हुई है, किसानों को द्वारा धान काटा जा रहा है मगर वैसे किसान जिनके धान के फसल कट चुके हैं सभी लोगों के धान खलिहान में ही पड़े हुए हैं।

जब इससे जुड़ी जानकारी संबंधित पैक्सो से लिए तो बढ़ौना के पैक्स प्रेम प्रकाश सिंह, जगरिया के संजय पांडे, हाटा के पप्पू सिंह, अमांव के बबलू श्रीवास्तव, मंझुई के राजेश सिंह यादव के द्वारा बताया गया पिछले वर्ष 15% उसना जबकि 85% अरवा चावल जमा करना था, बाद में 15% और बढ़ा दिया गया कुल 30% उसना चावल जमा करना था, इस वर्ष 100% उसना चावल जमा करने का निर्देश प्राप्त है, अब यह समस्या है कि पूरे कैमूर के लोग अरवा चावल का उपयोग करते है, जिस कारण से कैमूर के सभी राइस मील अरवा चावल के हैं, पूरे जिला में सिर्फ दो उसना चावल के मील है।

इस स्थिति में उसना चावल पैक्सो के द्वारा कैसे जमा किया जाएगा, यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है धान की खरीदारी कर भी ली गई तो उन धानों की कुटाई कहां होगी, जब राइस मील ही नहीं है, जिस कारण से शुरुआती दौर में जो धान की खरीद हुए हैं उसके बाद धान खरीद पर रोक दी गई है, कैमूर की वस्तुस्थिति को अधिकारियों को समझाया जा रहा है।

वही बढ़ौना के पैक्स प्रेम प्रकाश सिंह के द्वारा बताया गया शुरुआती दौर में 24 नवंबर को इनके द्वारा 65 क्विंटल धान की खरीदारी की गई थी, लगभग 9 दिन के करीब का समय बीत चुका मगर, अब तक खाते में पैसा नहीं आया, जिसके लिए यह बैंक का चक्कर लगाने के लिए मजबूर है, ऐसी बातें अन्य वैसे सभी पैक्सो के द्वारा बताया गया जिनके द्वारा धान की खरीद उस तिथि में की गई है। बरहाल मामला जो भी हो मगर इस समय किसानों के लिए यह समस्या उत्पन्न हो गई है धान की कटाई के बाद धान खलिहान में पड़े हैं, जिसे लेकर किसान भी काफी चिंतित है।

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