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आग लगने से संबंधित जानकारी देते हुए दुकानदार प्रदीप त्रिपाठी के पिता धनंजय त्रिपाठी के द्वारा बताया गया सुबह 7 बजे के करीब प्रदीप त्रिपाठी के द्वारा 10 बैग पशु आहार गाड़ी पर लोड करवाया गया था, उस दौरान गोदाम में किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी 8 बजे के करीब अचानक गोदाम में आग लग गई आनन-फानन में किसी तरह आग बुझाने का कार्य शुरू किया गया।
काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया गया, मगर फिर भी 60 बैग पशु आहार, 30 बैग मछली का दाना एवं 1 ड्रम पोटेशियम परमैंगनेट 50 केजी सहित अन्य दवाइयां जलकर बर्बाद हो गए, गोदाम में आग किस कारण लगी यह जानकारी नहीं हो सकी है, जिस जगह पर मछली के दाने एवं पशु आहार रखे गए हैं वहां विद्युत कनेक्शन भी नहीं है, शॉर्ट सर्किट होने का अंदेशा ही नहीं है, आग लगने के कारण डेढ़ लाख रुपए से अधिक की क्षति बताई गई है।