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शिक्षिका पद पर योगदान देने के बाद करीब सात-आठ माह तक वेतन नहीं मिला था। केस- मुकदमा, बच्चे की परवरिश व घर खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था। सुबह में अखबार बांटते थे और दिनभर सब्जी बेचकर पत्नी व परिवार का खर्चा चलाते थे। कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया। बैंक से ऋण, दोस्तों आदि से कर्ज लेकर किसी तरह काम चलाते रहे।
वही विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने बताया कि तीसरे दिन भी शिक्षिका स्कूल से बिना सूचना अनुपस्थित रही। विभाग को मामले से अवगत कराया जा रहा है। लगातार स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने की जानकारी विभागीय अधिकारी को दी जा रही है। इधर थानाध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि शिक्षिका की बरामदगी का प्रयास जारी है।
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