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जिसके बाद तख्त श्री हरिमंदिर के वीआइपी कमरे में एसडीओ व डीएसपी ने पूर्व बर्खास्त जत्थेदार रंजीत सिंह व तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह व पंच प्यारों के साथ बैठक किया। बैठक में प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही, सदस्य महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन और हरपाल सिंह जाैहल, समाजसेवी अमरजीत सिंह शम्मी, सरदार दमनजीत सिंह रानू, मंजीत सिंह, सेवादार कल्याण समिति के पदाधिकारी तेजेंद्र सिंह बंटी व दीपक सिंह समेत अन्य थे। जंहा बैठक के दौरान तख्त श्री हरिमंदिर के पंच प्यारों ने अधिकारियों को बताया कि अकाल तख्त से निर्गत हुकुमनामा को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया है। ऐसे में पूर्व बर्खास्त तनखैया जत्थेदार के संबंध में दिया गया हुकुमनामा तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की मर्यादा के अनुसार मान्य नहीं है। उनका आरोप है कि पूर्व जत्थेदार दो दर्जन से अधिक निहंग जत्थों के साथ आकर तख्त साहिब का माहौल खराब करना चाहते हैं।

वही दूसरी ओर पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर षड्यंत्र के तहत लगाए गए आरोप जांच में निराधार निकले थे। अकाल तख्त ने तख्त साहिब में मेरी सेवा बहाल कर दी है। उधर एसडीओ और डीएसपी ने दोनों पक्षों से बातचीत के बाद बताया कि अकाल तख्त के पत्र मामले की जांच की जा रही है। प्रबंधक समिति की नियमावली 78 व 79 में दिए गए नियमों का पालन करते हुए जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। प्रबंधक समिति के अध्यक्ष ने प्रशासन को बताया तख्त श्री हरिमंदिर के कस्टोडियन जिला व सत्र न्यायाधीश हैं। दोनों पक्षों की बातें सुनकर एसडीओ व डीएसपी ने वर्तमान स्थिति यथावत रखने का आदेश दिया। दोनों पक्षों को शांत कराने के बाद पुलिस प्रशासन के साथ पूर्व जत्थेदार निहंगों के जत्था के साथ तख्त साहिब में मत्था टेका। डीएसपी-2 ने बताया कि दोनों पक्षों से सौहार्दपूर्ण वातारण में बातचीत कर मामला शांत कराया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से तख्त श्री हरिमंदिर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई। तख्त परिसर का माहौल तनावपूर्ण बना है। उधर सेवादारों ने बैठक कर पंच-प्यारों के हुकुमनामा का पालन करने का निर्णय लिया।