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राजद ने कहा सीएम नीतीश के इस कदम से हतप्रभ है पूरा देश

Bihar: पटना, सीएम नीतीश कुमार के सरकार से इस्तीफे के साथ ही राजद ने अपना मौन तोड़ते हुए सीएम नीतीश  पर जमकर निशाना साधा है। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने रविवार को कहा कि नीतीश जी द्वारा अचानक महा गठबंधन छोड़कर पुनः भाजपा के साथ सरकार बनाने की घोषणा से आज पूरा देश हतप्रभ है। देश की जनता जानना चाहती हैं कि 2022 में आपने अचानक भाजपा वाले गठबंधन को क्यों छोड़ दिया था और महा गठबंधन में कैसे शामिल हो गए थे। 

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महागठबंधन की ओर से किसी ने एक अणे मार्ग में जाकर इस गठबंधन में शामिल होने के लिए इनको न्योता देने गया था क्या? सबको स्मरण होगा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के अभियान की शुरुआत करते हुए तेजस्वी यादव ने घोषणा की थी कि हमारी सरकार बनेगी तो हम 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। यह राजद के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल है। उसके जवाब में नीतीश कुमार ने क्या कहा था ? ‘10 लाख नौकरियों के लिए पैसा कहाँ से लाओगे ? बाबूजी जिस कमाई के लिए अंदर गए वहां से लाओगे।  इसको कोई समझ नहीं है । वही नीतीश कुमार 8 अगस्त 2022 को अपने सभी विधायकों के साथ पैदल चल कर राबड़ी आवास पहुंचे थे। वहां उन्होंने 2017 में गठबंधन तोड़ कर भाजपा में चले जाने के लिए हाथ जोड़कर राबड़ी जी से माफी मांगी थी। महा गठबंधन के तमाम नेताओं के बीच अपने भाषण में उन्होंने वही सबकुछ कहा था जो आज कह रहे हैं। उस समय रोना रो रहे थे कि भाजपा के लोग काम नहीं करने दे रहे थे।हमेशा टकराव की बात कर रहे थे और 9 अगस्त को तेजस्वी ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया और 15 अगस्त को उन्हीं नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के मंच से घोषणा किया कि 10 लाख युवाओं को महागठबंधन की हमारी सरकार नौकरी तो देगी ही, हम 10 लाख रोज़गार का सृजन भी करेंगे। नीतीश जी किसके एजेंडे की घोषणा कर रहे थे। राजनीति के पुरानी पीढ़ी के नीतीश कुमार ने युवा तेजस्वी के एजेंडे को न सिर्फ़ क़ुबूल किया बल्कि उसको आगे बढ़ाया। तेजस्वी भविष्य हैं, नीतीश अतीत हैं 15 अगस्त के अपने भाषण के ज़रिए नीतीश जी ने स्वयं इस पर मुहर लगाई।

महागठबंधन के संपूर्ण कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार का आचरण किया है इसको सम्पूर्ण देश ने देखा है। ज़रूरत से ज़्यादा दब कर तेजस्वी रहे। ताकि नीतीश कुमार को शिकायत का तनिक भी मौक़ा नहीं मिले। महागठबंधन से निकलने और भाजपा के साथ पुनः जाने का जो कारण नीतीश जी बता रहे हैं वह सरासर झूठ है। भाजपा से अलग होने के बाद बिहार विधानसभा में इन्होंने क्या घोषणा की थी ! मिट्टी में मिल जाऊँगा….! ऐसे संकल्पों का कई नमूना गूगल में खोजने पर मिल जाएगा। भाजपा का हर एक कार्यकर्त्ता कह चुका है कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा का दरवाज़ा बंद हो चुका है। इन सबके बावजूद नीतीश कुमार जैसा स्वाभिमानहीन व्यक्ति ही पुनः वहां जाने की बात सोच सकता है। स्वाभिमानहीन आदमी को क्या वो तो कही भी जा सकता है

 

 

 

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