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घटना के संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि महिलाएं कुदरा बाजार किसी काम से गई थीं। वहां से अपने गांव लौटने के क्रम में बीच में पड़ने वाली रेल लाइन को वे पार करने लगीं। इसी दौरान सरफुद्दीन अली की पुत्री रेल लाइन से गुजर रही मालगाड़ी की चपेट में आ गई और उसे बचाने की कोशिश में उसकी मां भी मालगाड़ी की चपेट में आ गई। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दोनों महिलाओं को इलाज के लिए कुदरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया जाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जंहा ले जाने के दौरान उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की यदि गांव के समीप रेल अंडरपास रहा होता तो यह दुर्घटना नहीं होती। उन्होंने बताया कि कर्मा गांव रेल लाइन के किनारे अवस्थित है। अब रेल लाइन के समानांतर मालगाड़ियों के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण भी हो गया है। इस वजह से अब रेल लाइन पार करने में पहले की तुलना में अधिक ट्रैकों से होकर गुजरना होता है। इसलिए दुर्घटनाओं की आशंका काफी बढ़ गई है। सरकार के द्वारा गांव के सामने रेल ओवरब्रिज का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि उनके हित में उससे ज्यादा जरूरी अंडरपास का निर्माण था, जिससे होकर ग्रामीण सुरक्षित तरीके से पैदल रेल लाइन पार कर जाते