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प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकाश 7 फरवरी को काम की तलाश में हल्द्वानी गया था, लेकिन तीन दिन बाद 10 फरवरी को परिजनों को प्रकाश कुमार का शव रेलवे ट्रैक से बरामद होने की सुचना मिली। प्रकाश कुमार की बड़ी बहन मधु कुमारी ने बताया कि 7 फरवरी को उनके भाई नौकरी की तलाश में हल्द्वानी गए थे, लेकिन उनका मोबाइल बंद आ रहा था। 10 फरवरी को हल्द्वानी थाने से मैसेज आया कि आपके रिश्तेदार का एक्सीडेंट हो गया है। इसके बाद हम लोगों ने दिल्ली में रह रहे एक बहनोई को सूचना दी। वो दिल्ली से हल्द्वानी पहुंचे। जहां उन्होंने देखा और हमें बताया कि प्रकाश के सिर में गोली लगी है और उनकी मौत हो गई है। मौत की सूचना मिलने के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
दरसल उत्तराखंड के नैनीताल जिले का हल्द्वानी 8 फरवरी को सांप्रदायिक हिंसा में सुलग उठा था। यहां वनभूलपुरा इलाके में सरकारी जमीन पर बनी मजार और मदरसा तोड़ने पहुंची पुलिस व प्रशासन की टीम पर भीड़ ने जमकर पत्थर फेंके। उपद्रवियों ने पुलिस पर फयरिंग भी की जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इसमें 6 लोग मारे गए। इसमें 30 पुलिसकर्मियों समेत 100 लोग घायल हो गए। भीड़ ने 100 से ज्यादा गाड़ियां और वनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कई राउंड फायर भी किए। चार घंटे तक उपद्रव के बाद वनभूलपुरा थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया।