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आगे प्रशांत किशोर के द्वारा कहा गया कि आज कांग्रेस बिहार में कहीं नहीं है न कोई नेता जमीन पर दिखता है। हां ये जरूर है कि वो महागठबंधन वाली सरकार में शामिल थे, तो सरकार में बहुत लोग शामिल होते, इससे क्या हो गया? आज कांग्रेस राजनीतिक संगठन होने के नाते बिहार में कहीं नहीं है। न ही उनके नेता कुछ करते दिखते हैं। पिछले चुनावों की बानगी देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस जीतकर आई, उसके एक साल बाद ही 2014 के आम चुनाव में बीजेपी सबसे अधिक लोकसभा की सीटें जीतकर आई। आपको बता दे की 2018 के दिसंबर में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीतकर आई, लेकिन इसके ठीक 4 महीने बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही बुरा रहा और खाता तक नहीं खुला। इसलिए मैं कांग्रेस या अन्य पार्टियों को भी बता रहा हूं कि देश में हर चुनाव एक अलग चुनाव होता है।