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आनंद मोहन ने केंद्र सरकार पर साधा निशान कहा, आलोचना सुनने का साहस नहीं

Bihar: सुपौल पहुंच पूर्व सांसद आनंद मोहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना। आनंद मोहन ने कहा कि लोकतंत्र का तकाजा जाे राष्ट्रहित में भी है और जनतंत्र के हित मेें भी है। मजबूत केन्द्र के खिलाफ मजबूत विपक्ष,आज जो स्थितियां है वो लाेकतंत्र के हित के लिए नहीं है। केन्द्र चाहता है उसके सामने कोई विपक्ष ही नहीं हाे।

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उसके सामने कोई आवाज ही नहीं उठे। यह एक गलत परंपरा की नींव रखी जा रही है। वहीं सांसदो के निलंबन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार को आत्ममंथन करने की आवश्यकता है। साथ ही सरकार को आलोचना सुनने का साहस भी होना चाहिए, लेकिन निलंबित करना या बर्खाश्त करना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। जिस तरीके से धनकर साहब के एक मिमिक्री को उछाला जा रहा है और जाति विशेष से जोड़कर उसका अपमान बताने की कोशिश की जा रही है तो मैं पूछना चाहता हु़ं उसी सदन में प्रधानमंत्री उस समय के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के लीडर का जिस अंदाज में मिमिक्री कर रहें थे सदन के अंदर वह कहां से सराहनीय है।

यही नहीं उन्होंने विभिन्न राज्यों में आए चुनावी नतीजे को लेकर कहा कि अभी जो चुनाव के नतीजे आए है वो निश्चित तौर पर बीजेपी को इस परिणाम ने मनौवैज्ञानिक बढ़ा दी है और मैं मानता हुं कि कांग्रेस की आत्ममुग्धता ने चुनावी परिणाम को प्रभावित किया। जो माहौल नीतीश कुमार ने बनाया था विपक्षी एकता के मुहिम का प्रयास उन्होंने किया था उस प्रयास को पंचर कर दिया गया। जहां तक वो इंडिया को लेकर गए थे अगर इसको एक स्वरूप प्रदान करते हुए चुनाव में जाया जाता और विपक्ष की बड़ी पार्टीयों को चुनाव में शामिल किया जाता तो नतीजे कुछ और आता।

 

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