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वही जबकि स्कूल हमें तर्कपूर्ण ज्ञान, वैज्ञानिकता और जीवन में बदलाव की ओर ले जाता है। अब हमें चुनना है कि हमें अपने बच्चों को कहां भेजने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा यह मेरा कहना नहीं है, यह सावित्रीबाई फूले का कहना है और उन्हीं के कही बातों को वह पब्लिक के बीच रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम बहुसंख्यकों को किसी हिंदू धर्मग्रन्थ में हिंदू नहीं कहा गया है, हमें शूद्र कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने ब्राह्मणवाद की बात मानी उन्हें क्षत्रिय बना दिया गया।
जिन्होंने उनकी सेवा की, उन्हें वैश्य बना दिया गया तथा जिन लोगों ने इनकी बातों को नहीं माना उन सभी को इन लोगों ने शूद्र बना दिया। जबकि मानव-मानव एक समान है और प्रत्येक मानव में मनुष्यता सर्वोपरि होनी चाहिए। वही इस सम्मान समारोह के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को सम्मानित किया गया।