Bihar: कैमूर, प्रशांत किशोर के द्वारा पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव को 13 नवंबर को होने वाले उप-चुनाव में रामगढ़ से चुनाव लड़ने की चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा यदि वह रामगढ़ से चुनाव लड़ते हैं तो प्रशांत किशोर स्वयं उनके सामने रामगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। आगे उन्होंने कहा की इस बार रामगढ़ उप-चुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह जो RJD के रामगढ़ से उम्मीदवार है उनका जितना तो दूर की बात है, उन्हें इस चुनाव में दूसरा स्थान भी हासिल नहीं होगा। RJD के नेता तीसरे या चौथे स्थान पर रहेंगे। इस बार रामगढ़ की जनता को तय करना है कि नेता का बेटा राजा बनेगा या रामगढ़ का गरीब का बेटा राजा बनेगा।
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कैमूर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रामगढ़ विधानसभा से जन सुराज के द्वारा 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। विनायक प्रसाद जायसवाल, शामिम अहमद, आनंद सिंह (दुर्गावती), सुशील कुशवाहा और वकील रामनारायण राम, जन सुराज के 5 संभावित उम्मीदवार हैं। फिलहाल जन सुराज के पदाधिकारियों एवं संस्थापक सदस्यों के साथ इस बात पर चर्चा चल रही है कि रामगढ़ से जन सुराज का उम्मीदवार किसे बनाया जाए। 22 अक्टूबर (आज) को रामगढ़ से जन सुराज के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। आगे उन्होंने बताया की जन सुराज के प्रत्याशी 24 अक्टूबर को बेलागंज एवं इमामगंज से तथा 25 अक्टूबर को तरारी एवं रामगढ़ से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने एस. के. सिंह. के उम्मेदवारी पर मीडिया में चल रही खबरों का जवाब देते हुए कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सिंह. जो सेना में वाइस-चीफ रहे हैं, उनके मतदाता सूची में उनके नाम को लेकर जिला प्रशासन ने सवाल उठाया है।
जिनका कहना है कि इलेक्शन कमिशन के रूल बुक के अनुसार भले ही नागरिक बिहार का हो, लेकिन बिहार के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अगर मतदाता के तौर पर किसी इंसान का नाम रजिस्टर्ड नहीं हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है। जिस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कितनी प्रो इन्कम्बन्सी की बात है कि तरारी का जो लड़का देश की आर्मी में वाइस-चीफ बना, जिसने सेना को सियाचिन और ऑपरेशन पराक्रम में सेना का नेत्रत्व किया, उसका तरारी में खुद की जमीन और खुद का निवास-स्थान होने के बावजूद एक नियम बना कर कहा जा रहा है कि वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं। क्योंकि उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। हालांकि वोटर लिस्ट में नाम डालने के लिए, फॉर्म 8A भरा गया है। यह इलेक्शन कमिशन में ही एक प्रावधान के द्वारा फॉर्म 8A भरकर अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।
2020 तक जनरल साहब का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था, पर पत्नी के देहांत के बाद उनका नाम नोएडा के वोटर लिस्ट में शिफ्ट हो गया, क्योंकि वो वहाँ रहते थे और 2024 में उन्हें वहाँ वोट देना था। इसी को आधार बनाकर जिला प्रशासन और इलेक्शन के लोग उनको लड़ने से रोकना चाहते हैं। यदि कोई इंसान व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होगा तो वहाँ के बालू-माफिया जो हजारों-करोड़ रुपए लूट रहे हैं, वो अड़चन डालेंगे ही, जन सुराज भी अपने पक्ष को निर्भीक होकर रखेगा और तरारी से जनरल साहब वहाँ के भूमि और बालू माफ़ियों को उखाड़ कर जरूर फेकेंगे।