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उन्होंने आगे कहा की चंपारण एनडीए का गढ़ है। किन्तु मेरा मानना है कि चंपारण की जनता के पास कोई राजनीतिक विकल्प नहीं रहा है। चूंकि यहां के लोगों ने राजद के जंगलराज को झेला है। इस वजह से यहां एनडीए के उम्मीदवारों को लोग वोट देते हैं। जैसे हीं यहां लोगों के सामने जनसुराज का विकल्प आएगा, एनडीए को पता चल जाएगा। प्रेस वार्ता में विधान पार्षद अफाक अहमद, जनसुराज के पश्चिम चंपारण के प्रभारी गोपालगंज के विकास सिंह, रिटायर्ड आइएएस एके द्विवेदी, ललन यादव आदि उपस्थित थे। आगे कहा की बिहार में शराबबंदी नहीं है। यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं। अगर जनसुराज की सरकार बनती है तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी कानून को हटा दिया जाएगा। दुनिया में कही इसका प्रमाण नहीं है कि शराबबंदी के माध्यम से किसी समाज का आर्थिक, सामाजिक, नैतिक उत्थान ह़ुआ है। शराबबंदी की वजह से बिहार में करीब 15 से 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। यह पैसा भ्रष्ट अफसरों, नेताओं एवं शराब माफियाओं की जेब में जा रहा है। गांधी जी का हवाला देकर शराबबंदी की बात कही जाती है।
जबकि गांधी जी ने सामाजिक प्रयास से शराबबंदी करने की बात कही थी। आगे कहा कि पदयात्रा अभियान की शुरूआत पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा से की थी। अब जनसुराज एक दल बन गया है तो अगले दो माह में बिहार के 103 जिलों में राजनीतिक सभा करेंगे। इसकी शुरुआत भी आज (बुधवार) पश्चिम चंपारण से हो रही है। आगे सीएम नितीश पर निशाना साधते हुए कहा की इन्हें प्रत्येक दो- तीन वर्ष पर पीएम बनने का सपना आता है। इसलिए ये सोंचते हैं कि देश के अन्य प्रदेशों के युवाओं को बिहार में नौकरी मिलेगी तो वे इन्हें प्रधानमंत्री बनने के लिए वोट करेंगे। बिहार के 50 लाख से अधिक लोग 6 से 8 हजार रुपये के लिए बाहर नौकरी करने जाते हैं और उन्हें अपने राज्य में नौकरी नहीं मिल रही है।
यहां जो भी सरकारी नौकरी मिल रही है, उसमें 50 प्रतिशत से अधिक अन्य प्रदेश के युवाओं को नौकरी मिल रही है। प्रशांत किशोर ने बिहार की दुर्दशा के लिए कांग्रेस और भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि अगर शराबबंदी इतना हीं फायदेमंद है तो भाजपा पूरे देश में शराबबंदी कानून क्यों नहीं लागू करती है। बिहार की बर्बादी के लिए लालू और नीतीश जिम्मेदार हैं । लेकिन सबसे बड़ा जिम्मेदार कांग्रेस और भाजपा है। कांग्रेस ने 15 वर्षों तक राजद के साथ गठबंधन कर लूटने की आजादी दी और अब भाजपा दे रही है। भाजपा नीतीश को मुखौटा बनाकर वोट लेना चाहते हैं। ये लोग इस बार अपना मुख्यमंत्री बनाएंगे।