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आगे कहा की 18 दिसंबर से गर्दनीबाग में धरना पर बैठे एवं उनका साथ दे रहे युवाओं का कमिटमेंट मेरी अपेक्षा से कहीं ज्यादा मजबूत है। बिहार के लोगों से आह्वान किया, इनका साथ देने के लिए रजाई और कम्बल से बाहर निकलिए। यह लड़ाई सिर्फ BPSC अभ्यर्थी की नहीं, बल्कि यह बिहार की व्यवस्था को सुधारने की लड़ाई है। युवाओं का इस संघर्ष में साथ देना आवश्यक है। हम सिर्फ गांधी मैदान में बैठकर नहीं, बल्कि सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर बिहार के भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस आंदोलन को सभी अपना समर्थन दें।
वही आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव एक्स और विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट ही नहीं करें। यहां आकर बिहार के युवाओं की लड़ाई का नेतृत्व करें। अगर वो आकर करते हैं तो मैं उनके पीछे खड़ा हो जाऊंगा। यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि यह बिहार की खराब व्यवस्था के खिलाफ है। मैं तमाम राजनीतिक पार्टी से ये अपील करता हूं कि चाहे वो तेजस्वी यादव हों, राहुल गांधी हों, भाजपा के नेता हों, वाम दलों के नेता हों या कोई और नेता, वे हमारे साथ आएं। मैं उनके पीछे बैठकर इस आंदोलन का समर्थन करूंगा। अगर युवा तय कर लें कि वे नेता इसका नेतृत्व करेंगे, तो मैं पीछे हटने के लिए तैयार हूं।