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आगे उनके द्वारा दावा करते हुए कहा गया की बिहार के लोग अब मजबूरी में वोट नहीं देंगे, क्योंकि अगले 6 महीनों में उन्हें एक नया राजनीतिक विकल्प मिलेगा। पहले जनता JDU, BJP या RJD के बीच उलझी रहती थी, किन्तु अब वे विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर निर्णय लेंगे।
वही आगे कहा की यदि NDA सत्ता में आता है, तो BJP अपने मुख्यमंत्री का चेहरा लाएगी। अगर NDA हारता है, तब भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। इसका मतलब साफ है कि बिहार की राजनीति में एक नया चेहरा ही मुख्यमंत्री बनेगा। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बदलाव का वाहक कौन बनेगा? जनता किसे अपना नेता चुनेगी? चुनाव नतीजे कुछ भी हों, लेकिन एक बात तय है की नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।