भागलपुर, बिहार: विधानसभा चुनाव के बीच एनडीए गठबंधन के अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। भागलपुर से जदयू सांसद अजय मंडल और झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे आमने-सामने आ गए हैं। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज होता जा रहा है।
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मामले की शुरुआत तब हुई जब अजय मंडल की रिश्तेदार अपर्णा कुमारी, बिहपुर विधानसभा से महागठबंधन समर्थित वीआईपी पार्टी की उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरीं। इसी को लेकर निशिकांत दुबे ने परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा था—
“अजय मंडल की रिश्तेदार विपक्षी दल से चुनाव लड़ रही हैं, यह परिवारवाद नहीं तो क्या है?”
अजय मंडल का तीखा पलटवार
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय मंडल ने निशिकांत दुबे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा—
“निशिकांत दुबे को सिर्फ अजय मंडल का परिवार दिखाई देता है, लेकिन मांझी और चिराग पासवान के परिवार नहीं दिखते। उन्हें पहले अपना क्षेत्र संभालना चाहिए।”
मंडल ने यह भी दावा किया कि झारखंड में भाजपा सरकार न बनने में गोड्डा लोकसभा क्षेत्र की भूमिका रही है।
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या निशिकांत दुबे ने उन्हें सांसद बनाने में योगदान दिया था, तो अजय मंडल ने साफ शब्दों में कहा—
“किसी का कोई योगदान नहीं है। अगर किसी का है, तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भागलपुर की जनता का है।”
बीजेपी प्रत्याशी ने लगाया बड़ा आरोप
उधर, बिहपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी इंजीनियर शैलेंद्र ने भी अजय मंडल पर महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार को अंदरूनी रूप से समर्थन देने का आरोप लगाया है। इस पर मंडल ने जवाब दिया—
“शैलेंद्र जी को भ्रम हो गया है, वह भ्रम हम जल्द दूर कर देंगे।”
एनडीए में बढ़ी असहजता
बिहार चुनाव के चरम पर चल रहे प्रचार अभियान के बीच जदयू और भाजपा नेताओं के बीच बढ़ती तल्खी ने एनडीए गठबंधन के भीतर असहज स्थिति पैदा कर दी है। चुनावी माहौल में यह खींचतान गठबंधन के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरी है।



