Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
इससे पूर्व भी महागठबंधन ने बिहार बंद किया था। किन्तु उस दिन भी जन सुराज की दो-दो जनसभा हुई थी जिसमें करीब 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। आगे निशाना साधते हुए कहा कि बिहार बंद के दौरान कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। गाड़ियां रोकी गई हैं। यही NDA नेताओं का चरित्र है। इनकी नेतागीरी का यही तरीका है। किन्तु बिहार के लोगों को अब विकल्प मिल गया है। मोदी के डर से लालू एवं लालू के डर से मोदी को वोट देने जैसी कोई बात नहीं है। जनता इस बार बदलाव चाहती है। लालू-नीतीश और मोदी से छुटकारा चाहती है।
साथ ही उन्होंने RJD नेता तेजस्वी यादव के द्वारा सीएम नीतीश को नैतिक भ्रष्टाचार का पितामह बताए जाने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा की तेजस्वी यादव जब भ्रष्टाचार और सुशासन की बात करते हैं तो ऐसा लगता है, जैसे शेर शाकाहारी होने की बात कर रहा हो। यह लोग खुद भ्रष्टाचार के प्रतीक रहे हैं। आज भी इनका चरित्र नहीं बदला है। वापस सत्ता में आए, तब भी फिर से लूटमार और अपहरण-भ्रष्टाचार करेंगे। उन्होंने सीएम नीतीश के डीएनए को लेकर तेजस्वी द्वारा पीएम पर किए गए तंज पर कहा कि डेढ़ साल पहले तक तेजस्वी यादव को भी नीतीश कुमार में विकास पुरुष दिखता था। अब नीतीश कुमार अगर उनको अगर फिर से डिप्टी सीएम बना दें तो वो फिर उनके गुण गाने लगेंगे।



