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स्थानीय लोगों ने बताया की फर्जी कंपनी के नाम पर शुभम सिंह के द्वारा युवक व युवतियों से साक्षात्कार लेकर उन्हें आकर्षक वेतन देने के नाम पर टीम लीडर बनाकर प्रत्येक वार्ड समेत पूरे कसबा प्रखंड से 110 रुपये प्रति महिला के दर से लाखों वसूली कर भागने के चक्कर में थे। वही नगर परिषद कसबा के उपाध्यक्ष सुभाष कुमार ,अनुरंजन साह,गौरव यादव ,फिरोज लाला तथा संतोष वैध सहित गणमान्य लोगों के द्वारा मामले में हस्तक्षेप करते हुए फर्जी ब्रांच मैनेजर शुभम् सिंह से पूछताछ करते हुए सभी पीड़ित महिलाएं सहित युवकों को उनसे ठगी की गई राशि को उनसे वापस दिलवाया गया। जिसके बाद फर्जी कंपनी के ब्रांच मैनेजर को कसबा पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने जब फर्जी कंपनी के ब्रांच मैनेजर शुभम सिंह को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो कई आश्यर्चजनक बातें सामने आई।
दरसल फर्जी कंपनी के ब्रांच मैनेजर शुभम सिंह का नाम शुभम सिंह नहीं बल्कि अजय कुमार है। जिसने चार अलग-अलग नामों के फर्जी आधार कार्ड बना रखा था। इतना ही नहीं उसके पास CBI का फर्जी परिचय पत्र थे। इस घटना से पूर्व भी अजय कुमार के द्वारा बिहार के गोपालगंज व शिवहर जिले में इसी फर्जी कंपनी के नाम से लाखों रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस ने यह भी बताया कि पकड़ायें गए अजय कुमार का संबंध साइबर क्राइम गिरोह के सदस्यों के साथ हो सकता है। थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि कसबा थाना कांड संख्या 217/24 दर्ज करते हुए जेल भेजा जा रहा है। इस घटना में अजय कुमार के अलावे बिहार के सीतामढ़ी व यूपी के कुछ जिलों के कुछ शातिर ठग भी शामिल हो सकते है। पुलिस जाँच के लिए जल्द ही सीतामढ़ी व यूपी जाएगी।