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जिनके पास से 78 पीस नशीला इंजेक्शन ,38 पीस नया सिरिंज व 1 उपयोग में लाया गया सिरिंज बरामद किया गया। दोनों को पूछताछ के बाद भभुआ जेल भेज दिया गया। शराब बंदी कानून लागू होने के बाद नशा के धंधेबाज वैकल्पिक व्यवस्था तौर पर दवा के दुकानों से नशीले इंजेक्शन खरीद कर बेच रहे हैं। जबकि नॉरफीन इंजेक्शन की बिक्री दवा दुकानों पर प्रतिबंधित है। नशा के आदी इसका सेवन कर रहे हैं। मोहनियां में सुनसान जगहों पर नशेड़ी और धंधेबाज मौजूद रहते हैं। यहां पर काफी मात्रा में सिरिंज और नशीली दवाओं की खाली वायल देखने को मिलती है। धंधेबाज नशेड़ियों को अधिक दाम पर ये इंजेक्शन बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।