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उसी मामले में डॉ अरुण तिवारी की अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। वही मृतक के पुत्र अखिलेश जायसवाल ने बताया कि पड़ोसी रामजी साह मेरे पिता को 18 दिसिमिल जमीन लिखे थे। जिसको लेकर विवाद चल रहा था ,रात को मेरे पिता जब अपने खेत घूमने गए तो देखा कि पड़ोस के लोग खेत मे कूड़ा फेंक रहे है इसी बात पर विवाद हुआ तो मेरे पिता पर चाकू से हमला कर दिया बचाव करने घर से चार लोग पहुँचे तो सभी को चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया। जिसमें इलाज के दौरान मेरे पिता की मौत हो गई पांच साल बाद कोर्ट का फैसला आया। जिसका हम सभी खुश है।