Bihar: कैमूर जिले के चांद प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव की बैठक 26 फरवरी को निश्चित हुआ जिसके बाद स्थानीय स्तर पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, 26 फरवरी को क्या होगा यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
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दरअसल प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बैठक की तिथि माननीय न्यायालय के आदेश पर टलने के बाद स्थिति पुरी तरह अस्पष्ट थी, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी सावन कुमार के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले पंचायत समिति सदस्यों के हस्ताक्षर सत्यापित करने के बाद 26 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक की तिथि स्पष्ट हुई, स्थिति स्पष्ट होने के साथ ही जोड़ तोड़ करने के प्रयास भी तेज हो गए है, शुरुआती दौर में 10 फरवरी की तिथि अविश्वास प्रस्ताव के लिए निर्धारित हुई थी, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर यह 26 फरवरी को निर्धारित हुई है।
इन सभी में पाढी़ पंचायत समिति सदस्य एवं जदयू प्रखंड अध्यक्ष सतीश सिंह पटेल के अपहरण होने से चुनाव काफी संवेदनशील हो गई, कई जगहों से दोनों पक्षों में टकराव की भी खबर है, हालांकि इस घटनाक्रम बीच पुलिस द्वारा प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह को समाहरणालय से गिरफ्तार कर लिया गया था, बाद में न्यायालय से जमानत मिलने पर वह बाहर आ गए, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है।
वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन सत्यापित करते समय स्पष्ट हो गया कि 10 पंचायत समिति सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में हैं, इसके साथ ही अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में बीडीसी द्वारा जिलाधिकारी के सम्मुख प्रमुख अनिल सिंह पर कई आरोप भी लगाए थे।
जबकि प्रमुख अनिल सिंह का कहना है इनके विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा, जबकि आंकड़े प्रमुख अनिल सिंह के विरुद्ध है, वहीं प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के समर्थकों में तनाव भी बना हुआ है, विरोधी पक्ष का नेतृत्व कर रहे चंदन सिंह का कहा है अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कितना भी कानूनी अड़चन उत्पन्न किया जाए जीत हमारी होगी, प्रमुख अनिल सिंह की कुर्सी 26 फरवरी तक ही बची हुई है, 10 पंचायत समिति सदस्य हमारे साथ गोलबंद हैं, अब इस बात का फैसला तो 26 फरवरी को ही होगा कि प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर किन का अधिकार रहता है।