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आपको बता दे की थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत के वार्ड संख्या -10 बड़ा बाजार निवासी शाहबाज सुलेमानी की पुत्री रूबी खातून की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जो बीते 12 मार्च को अपने घर से बाहर निकली। रास्ता भटककर मोहनियां थाना के भरखर गांव में पहुंच गई। जंहा सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रामीणों ने डायल 112 पुलिस को इसकी सूचना दी। लड़की स्वजनों को भी जानकारी दी। जिसके बाद भरखर पहुंच डायल 112 पुलिस लड़की को लेकर आई। जिसके बाद डायल 112 पुलिस के द्वारा मानसिक दिव्यांग लड़की को भभुआ रोड स्टेशन पर ले जाकर बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस पर चढ़ा दिया गया । आश्चर्य की बात की उक्त पुलिस घर से भटकी लड़की को थाना पर ले जाना भी मुनासिब नहीं समझी न ही वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। लड़की के स्वजन मोहनियां थाना पर पहुंचे। उन्हें विश्वास था कि लड़की वहां सुरक्षित होगी। वहां पहुंचने पर पता चला की लड़की को यहां लाया ही नहीं गया है।
डायल 112 पुलिस ने उसे ट्रेन में ले जाकर छोड़ दिया है। जिसके बाद मायूस स्वजन के द्वारा पूरे मामले की जानकारी कैमूर के पुलिस अधीक्षक हरिमोहन शुक्ला को दिया गया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए लड़की को खोजने के लिए पुलिस की चार टीमों का गठन किया किन्तु 12 दिन बाद भी रूबी खातून का कुछ पता नहीं चला। एसपी के निर्देश पर मुख्यालय डीएसपी गजेंद्र कुमार ने पूरे मामले की जांच की। इसमें डायल 112 पुलिस की लापरवाही उजागर हुई। इस संबंध में पूछे जाने पर एसपी हरी मोहन शुक्ल ने बताया कि मुख्यालय डीएसपी के रिपोर्ट के आधार पर डायल 112 के एएसआई सुनील यादव को निलंबित कर दिया गया है। सैप जवान ईश्वर दयाल व संजय कुमार तथा होमगार्ड जवान सुजीत राम की सेवा समाप्त करने के लिए अनुशंसा की गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।