Bihar: कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सिसौड़ा गांव में हुए चापाकल मिस्त्री की हत्या कांड का पुलिस के द्वारा खुलासा करते आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसकी जानकारी देते हुए एसपी हरिमोहन शुक्ला के द्वारा बताया गया की सोमवार की रात गांव के बधार स्थित अपने चैंबर पर सो रहे चापाकल मिस्त्री भोगा बिंद की हत्या सुपारी किलरों द्वारा कर दी गई थी। भोगा के शरीर में पांच गोलियां लगी थी। इस दौरान बदहवासी में भाग रहा भोगा बिंद कुछ दूरी पर खेत में गिरा और दम तोड़ दिया। जिसके बाद सुबह खेत की निगरानी करने आए किसानो ने खून से सना भोगा को देखा। जिसके बाद घटना की सुचना पुलिस को दिया। जिसके बाद घटना की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मोहनियां के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। जिसमें रामगढ़ थानाध्यक्ष व अंचल निरीक्षक मोहनियां व डीआईयू टीम को सम्मिलित किया गया।
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गठित टीम ने हत्याकांड के नामजद अभियुक्त मुन्ना पांडेय उर्फ कृष्णकांत पांडेय के घर छापेमारी किया। जंहा छापेमारी के क्रम में पुलिस ने आरोपी को पिस्टल की मैगजीन के साथ मंगलवार को गिरफ्तार किया। एसपी ने बताया कि अभियुक्त मुन्ना पांडेय ने पुलिस टीम के समक्ष हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। मुन्ना पांडेय ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की उसका अवैध संबंध मृतक की पत्नी से था। इसकी जानकारी भोगा बिंद को हो गई थी। इस बात को लेकर भोगा हमेशा गाली गलौज व गंदे इशारे करता रहता था। इन सब बातों से परेशान होकर मैंने सुपारी देकर भोगा बिंद की हत्या करवा दी। एसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस टीम ने एक पिस्टल, छह खोखा, एक मैगजीन व एक जिंदा कारतूस बरामद किया है।
हत्याकांड के मामले में प्रभारी थानाध्यक्ष राजू कुमार ने बताया कि मुन्ना पांडेय ने यूपी के सुपारी किलरों से संपर्क साधा। इसके बाद 50 हजार रुपए में भोगा बिंद की हत्या की डील पक्की हुई। 20 हजार रुपए एडवांस दिया। शेष 30 हजार की राशि काम होने के बाद देने की बात तय हुई। उन्होंने बताया कि मुन्ना ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उसकी पत्नी से अवैध संबंध की जानकारी होने के बाद भोगा मुझे टार्चर कर रहा था। इस बात से परेशान होकर मुन्ना ने कुछ दिन पहले भोगा के हत्या की कोशिश की लेकिन तब भोगा ने मुन्ना के हाथों से पिस्टल छीन लिया। और मैगजीन निकालने में वे सफल हुए थे। तब ऐसी घटना की सूचना किसी ने पुलिस को नहीं दी थी।