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एसटीएफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोने के लूट की साजिश अपराधियों ने बैंक के सहयोगी कर्मियों की मदद से की थी। सोने की गुणवत्ता जांचने वाले चेकर अभिषेक गुप्ता और लोन एजेंट रमेश झा ने इसमें लाइनर की भूमिका निभाई थी। गोल्ड लोन देने के बदले बैंक आफ महाराष्ट्र ने ग्राहकों द्वारा जमा किए जाने वाले सोने की शुद्धता की जांच के लिए अभिषेक गुप्ता की चेकर के रूप में प्रतिनियुक्ति की थी। उसने ही लोन एजेंट रमेश झा की मदद से बैंक के अंदर रखे आभूषण व सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी अपराधकर्मियों तक पहुंचाई। पुलिस के मुताबिक अपराधियों ने कुल 9.75 किग्रा सोना और 15 लाख रुपये नकदी की लूट की थी।
इस मामले में जिन अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें वैशाली जिले का रविश कुमार, करमवीर कुमार, बिट्टू कुमार, दीपक साह, हरिश्चन्द्र राय, समस्तीपुर जिले का रंधीर कुमार, दीपक कुमार, अनुराधा देवी, फूलपरी देवी, रमेश झा, अभिषेक कुमार गुप्ता, अखिलेश राय उर्फ गोलू यादव और सविता देवी शामिल हैं। एसटीएफ के अनुसार सोना लूट मामले में गिरफ्तार आरोपितों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। रवीश कुमार के खिलाफ वैशाली, समस्तीपुर और पश्चिम बंगाल के राणाघाट थाना में लूट, डकैती एवं आर्म्स एक्ट सहित कुल नौ कांड दर्ज हैं। इसके अलावा कर्मवीर उर्फ धर्मवीर के विरुद्ध 14 कांड, रंधीर कुमार के विरुद्ध आठ कांड, दीपक कुमार उर्फ मुंशी के खिलाफ आठ कांड, अखिलेश राय उर्फ गोलू यादव के खिलाफ 21 कांड दर्ज हैं।