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निगरानी उसी तरीके से होगी जैसे शराब तस्कर ऊपर रखी जाती है मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के तरफ से जारी आदेश में राज्य के सभी डीएम और उत्पाद विभाग के अफसरों के अलावा सभी अधिकारियों कहा गया है कि होम्योपैथिक डॉक्टरों पर सख्त नजर बनाए रखें ताकि उनकी दवाओं का इस्तेमाल शराब बनाने में ना हो।
बताते चलें कि छपरा में जहरीली शराबकांड में 78 लोगों की मौत हो गई और इसे लेकर काफी सवाल उठ रहे थे अब सरकार द्वारा किए गए आदेश के बाद यह पहली बार होगा जब होम्योपैथी पेशे से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसा जा सकेगा, विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर स्प्रीट का इस्तेमाल अपने व्यवसाय के कार्यो के लिए लोग कर रहे हैं तो इसकी पूर्व सूचना मद्य निषेध विभाग और स्थानीय पुलिस को देनी होगी ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।