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हैदराबाद के भोईगुड़ा में कबाड़ दुकान में लगी आग में जिंदा जलने बिहार के 11 लोगों की मौत

Bihar: हैदराबाद के भोईगुड़ा के कबाड़ दुकान में लगी आग से बिहार के 11 लोगों की मौत हो गई इनमें से 8 लोग छपरा के हैं जबकि तीन कटिहार के हैं, मृतक में से एक की पहचान छपरा के मढ़ौरा प्रखंड के बहुआरा पट्टी गांव निवासी सत्येंद्र राम पिता सुकई राम के रूप में हुई है मौत की खबर मिलते ही परिवार में चीख पुकार मच गया।

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उनकी अंतिम बार बात अपनी पत्नी से बीती रात 9 बजे के आसपास हुई थी पत्नी मीरा ने बताया की सत्येंद्र अपने 3 महीने के बच्चे को देखने के लिए 8 अप्रैल को घर आने वाले थे, बेटा पैदा होने की खुशी में अपने गांव में भोज का आयोजन करने की बात का रहे थे लेकिन भगवान कुछ और ही मंजूर था मृतक सत्येंद्र को दो बेटे हैं बड़ा बेटा 2 साल का जबकि छोटा बेटा 3 महीने का है।

मृतकों में छपरा जिले के अमनौर प्रखंड के आमनौर अगवान गांव के दो लोगों की मौत हुई है दोनों मृतक चाचा भतीजा बताये जाते हैं जिनमें एक का नाम दीपक राम पिता देवनाथराम तो दूसरा उनका भतीजा बिट्टू कुमार पिता विजय राम की मृत्यु आग लगने की घटना में जिन्दा जलने की वजह से हो चुकी है, मृतक दीपक राम को दो पुत्री और एक पुत्र है घटना के बाद परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है मृतक की पत्नी बार-बार रोते हुए बेहोश हो जा रही हैं।

मृतकों में कटिहार के फलका प्रखंड के टपुआ गोविंदपुर गांव के दो मजदूर राजेश महाल्दार पिता विनोद महाल्दार और दामोदर महाल्दार पिता झामरू महाल्दार के रूप में हुई है वही तीसरा मृतक मजदूर कुरसेला प्रखंड के बलथी महेशपुर का चिंटू कुमार है, वही इस संदर्भ में जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने कहा की घटना काफी दुखद है, इस विपरीत और विकेट परिस्थिति में राज्य सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन की ओर से जो भी प्रावधान है वह मृतक के परिजनों को मुहैया कराया जाएगा।

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की तेलंगाना सरकार मदद कर रही है और मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए दे रही है, बिहार सरकार भी मृतकों को राज्य लाने के खर्च के भुगतान के साथ 2 लाख रुपए मुआवजा देगी, बताया जा रहा है की फायर ब्रिगेड के पास सुबह 3:55 बजे फोन आया दमकल की आठ गाड़ियां मौके पर पहुंची लेकिन आग पर काबू पाने में तीन घंटे लग गए, फायर ब्रिगेड कर्मियों के मुताबिक मजदूर खुद को इसलिए नहीं बचा सके क्योंकि गोदाम में सिर्फ एक घुमावदार सीढ़ी थी, उसमें से केवल एक ही व्यक्ति कमरे से बाहर कूदकर भागने में कामयाब रहा और जिन्दा बच सका।

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