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उस ई-रिक्शा पर लगे पोस्टरों पर कई बातें लिखी था, सम्मान चाहिए, जीने का अधिकार चाहिए दरअसल हुंकार दल की मांग है
(1.) सबसे आधारभूत क्षेत्र शिक्षा के लिए गोपालगंज में एक विश्वविद्यालय की मांग
(2.) शिक्षा ग्रहण कर चुके युवाओं को नौकरी की पूर्ति और नीतीश कुमार जी के द्वारा किया गया वादा की 19 लाख युवाओं को अच्छी नौकरी दी जायेगी लेकिन इसकी पूर्ति नहीं हुई जिसके बाद नीतीश कुमार जी को इस्तीफा देना चाहिए
(3.) एक अच्छे समाज के निर्माण में काले धन की बढ़ोतरी रोकने के लिए शराब को या तो पूर्ण रूप से बंद किया जाए नहीं तो पूरा खोल दिया जाय
(4.) अपराध को कम करने और रोकथाम के लिए 100 पर पुलिस सेवा चालू हो
(5.) प्रदेश और प्रदेशवासियों को आत्मनिर्भर होने के लिए बंद पड़े सारे कारखाने और चीनी मिल को चालू किया जाए
(6.) हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले छेत्र के लोगो के लिए उचित मदद और आवास उपलब्ध कराने हेतु
हुंकार दल के संस्थापक विपुल चौबे ने कहा की हम लोग 23 मार्च से ही इस पैदल यात्रा पर निकले हैं और आज 5 दिनों में 180 किलोमीटर चलकर पटना पहुंचे हैं हम लोग अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर पहुंचे हैं, मुख्यमंत्री जी या तो शराबबंदी हटा दे नहीं तो पूर्ण रूप से बंद करे शराबबंदी की आड़ में खूब कालाबाजारी हो रही है अब मुख्यमंत्री जी से मिलकर इन सभी समस्याओं से उन्हें अवगत करने की कोशिश करूंगा नहीं तो वहीं धरने पर बैठ जाऊंगा।