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मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हिंद महासागर में सरफेस पर गर्मी कारण प्रभाव पड़ा है हिंद महासागर में जब लानीना एक्टिव होता है तो मानसून प्रभावी होता है लानीना का मतलब गर्मी से है गर्मी के कारण ही मानसून का निर्धारण होता है लेकिन हिंद महासागर में जब अलनीना एक्टिव होता है यानी ठंड होती है तो बारिश कम होती है ऐसी स्थिति में सूखा पड़ता है।
इस बार हिंद महासागर में लानीना एक्टिव है, मानसून तक इसके सक्रिय रहने का पूर्वानुमान है इस कारण इस बार पूरे देश में अच्छी बारिश होगी सामान्य से अधिक बारिश होने की भी पूर्वानुमान है, वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार प्रदेश में सामान्य बारिश के निर्धारण का गणित भी बदला है पूर्व में 1961 से 2010 के डाटा के आधार पर सामान्य बारिश निर्धारण होता था लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए 1997 से 2020 के बारिश के आंकड़ों के आधार पर सामान्य बारिश का निर्धारण होगा।
नया सामान्य बारिश 868.6 एमएम यानि 87 सेमी है, पूर्व में यह 880.06 यानि 88 सेंटीमीटर था इस बार सामान्य बारिश 868.6 एमएम से 99% बारिश होने का पूर्वानुमान है, देश में 99% रेनफॉल काफी अच्छी स्थिति में होने जा रही है, मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार इस बार मानसून को लेकर जो स्थितियां बन रही है इससे साफ है कि इस बार मानसून पूरी तरह से सामान्य होगी, मानसून भी 13 से 15 जून के बीच अपने समय से आ जाएगा, वर्ष 2021 में बिहार में 13 जून को यास तूफान के कारण भी जमकर बारिश हुई थी।
2021 में 4 माह के मानसून सीजन जून, जुलाई-अगस्त और सितंबर में कुल 1044.5 एमएम बारिश हुई थी जो सामान्य बारिश से 3% अधिक है, जून में साइक्लोन यास तूफान के कारण पूरे सीजन में सबसे ज्यादा बारिश हुई इस बार मौसम विभाग के जानकारों का कहना है कि बारिश का डिपार्चर 99% होगा जो सामान्य या सामान्य से अधिक हो सकता है।